कैंसरः संभव है इलाज
कैंसर को लेकर लोगों में भ्रांतियाँ काफी ज्यादा हैं। अस्सी प्रतिशत लोग यह अनुमान लगा लेते हैं कि उन्हें शरीर के किसी भाग में कैंसर है, लेकिन महिलाओं के साथ खासकर यह समस्या होती है कि वे किसी को इस बारे में बता नहीं पाती हैं। शरीर में कहीं गठान हो तो मरीज चिकित्सक के पास तब पहुँचता है जब कैंसर अंतिम दौर में हो। ज्यादातर लोग यह भी मानते हैं कि कैंसर का इलाज नहीं है, लेकिन प्रौन्नत तकनीकों के कारण बढ़े हुए कैंसर का इलाज भी संभव है। क्या होता है कैंसर शरीर के किसी भी भाग पर ऊतकों में असमान्य रूप से गठान उभरना कैंसर हो सकता है। इस बीमारी को अलग–अलग श्रेणी में रखा जा सकता है। ये श्रेणियाँ शरीर के भाग के अनुसार निर्भर करती हैं। कितने हैं प्रकार हड्डी में होने वाली गठान को बोन ट्यूमर कहते हैं। इसका इलाज उस हड्डी को शरीर से अलग कर देना ही है। सॉफ्ट टिश्यू यानी ऊतकों में होने वाला कैंसर है। इसमें रेडिएशन देकर कैंसर के प्रभाव को कम किया जाता है। इसके अलावा इस बीमारी का तीसरा प्रकार रक्त कैंसर होता है। क्या हैं सामान्य लक्षण किसी अंग पर गठान बन जाना, अचानक शरीर के किसी भाग से रक्त जाना, चमड़ी में बदलाव महूसस होना, भूख कम लगना, खाँसी ज्यादा आना, खाँसी में खून निकलना। क्या है इलाज सबसे पहले कैंसर को ज्ञात करने के लिए बायोप्सी की जाती है। इसमें कैंसर का छोटा भाग निकाला जाता है और फिर उसका परीक्षण किया जाता है। इसे बायोप्सी कहते हैं। अगर गठान छोटी हो तो पूरी गठान निकाल ली जाती है और अगर गठान बड़ी हो तो कुछ हिस्सा हीपरीक्षण के लिए निकाला जाता है। कैंसर का पता लगाने के बाद जो इलाज किया जाता है, उसमें कीमोथैरेपी प्रमुख है। कीमोथैरेपी कैंसर के असर को कम करने के लिए दी जाती है। उदाहरण के लिए अगर कैंसर चौथी स्टेज पर हो तो यह थैरेपी इसे दूसरी स्टेज पर ले आती है। यह हर तरह के कैंसर में नहीं दी जा सकती। इसी तरह रेडियोथैरेपी शरीर में कैंसर के ऊतकों को कम करने के लिए दी जाती है।
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