बबूल के गुणकारी प्रयोग
सूखी खांसी : बबूल के गोंद का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से खांसी में आराम होता है। गले का कागला बढ़ जाने से चलने वाली खांसी भी ठीक हो जाती है। ज्यादा पसीना : शरीर से बहुत पसीना आता हो तो बबूल की पत्तियां पीसकर शरीर पर मसलें। इसके बाद छोटी हरड़ का महीन पिसा हुआ चूर्ण भभूति की तरह पूरे शरीर पर लगाकर मसलें और फिर स्नान कर लें। थोड़े दिन यह प्रयोग करने पर पसीना आना बन्द हो जाता है। रक्त प्रदर : बबूल का गोंद घी में तल कर फूले निकाल लें और पीस लें। इसके बराबर वजन में असली सोना गेरू पीसकर मिला कर तीन बार छान कर शीशी में भर लें। मासिक ऋतु स्राव के दिनों में सुबह शाम 1-1 बड़ा चम्मच चूर्ण ताजे पानी के साथ लेने से रक्त प्रदर यानी अधिक मात्रा में स्राव होना बन्द हो जाता है।
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