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ठंढक भरा पुदीना

ठंढक भरा पुदीना

यूँ तो कई पौधे ऐसे हैं जिनकी पत्तियाँ मानव शरीर के लिए औषधि के रूप में बहुउपयोगी हैं। पुदीना सर्वसुलभ, कम जगह में बिना जड़ के ही आसानी से लगने वाला व सुगंध में मन को मोहने वाला होता है। वैसे तो बारह महीने ही यह किसी न किसी रूप में उपयोगी है किंतु इसके शीतलता के गुण की वजह से ग्रीष्म ऋतु में यह अत्यधिक लाभप्रद है।   इन दिनों अक्सर खाने-पीने में थोड़ी-सी गड़बड़ हुई नहीं कि अजीर्ण की शिकायत हो जाती है। ऐसे में पुदीने के रस में काला नमक मिलाकर चाट लेने पर तुरंत असर करता है।   अधिक गर्मी बहुत बार उल्टी-दस्त का कारण बन जाती है, जिससे रोगी कुछ ही देर में परेशान हो जाता है। ऐसे रोगी को पुदीने का शरबत बनाकर पिलाएँ। पुदीना चटनी की तरह पीसकर मिश्री या शकर के पानी में मिक्स करके छान लें। शीघ्र ही ताजा शरबत बन जाएगा। दही में पुदीना मिलाकर खिलाने से भी रोगी को रोग से शीघ्र राहत मिलती है।   लू इन दिनों की गंभीर समस्या है। इससे बचाव के लिए पुदीने की पत्तियाँ व जीरे को 4-5 घंटे भिगो दें। फिर इसे महीन पीस लें। इसमें नमक व हल्की सी चीनी मिलाकर पेय बनाएँ और दिन में दो बार पिएँ। आप लू से बचे रहेंगे।   गर्मियों में जलन होना, पेशाब रुक-रुककर आना या कम होना जैसे रोगों में भी पुदीना रामबाण औषधि है। पुदीने की पत्तियाँ धोकर मिश्री और थोड़ा सा सूखा धनिया मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट को पानी में घोल-छानकर दिन में 2-3 बार पीना फायदेमंद होता है।   पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।   खाँसी होने पर पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खाँसी ठीक हो जाती है।   यदि लगातार हिचकी चल रही हो तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएँ। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे।   यदि आपको टांसिल की शिकायत रहती है, जिनमें अक्सर सूजन हो जाती हो तो ऐसे में पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर गरारा करना चाहिए।   दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को तलुओं में जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पिसे पुदने को तुलओं पर लगाना चाहिए, राहत मिलती है।   सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने में पिया जाए तो पेट में होने वाली जलन दूर होकर ठंडक मिलती है। लू से भी बचाव होता है।   जहरीले कीट के काटने पर उस जगह पिसा पुदीना लगाना शीघ्र लाभ पहुँचाता है। पुदीने की पत्तियाँ धीरे-धीरे चबाने से भी रोगी को राहत मिलती है।   चेहरे पर हुए मुँहासे व चेचक के दाग-धब्बों में महँगी क्रीमों की अपेक्षा यह शीघ्र असर करता है। इसकी पत्तियों को पीसकर इसमें थोड़ा सा गुलाब जल व नीबू का रस मिला लें। चेहरा धोकर सोते समय इस लोशन को लगा लें। सूखने पर धोएँ नहीं। सुबह ताजे ठंडे पानी के छींटे मारते हुए चेहरा साफ करें। दो-तीन सप्ताह की नियमितता रंग लाएगी।

 

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