Bhajan-Ram-11
सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीताराम कहिये . जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में . तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे साथ में ..
विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये . किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा ..
होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा . फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये ..
ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के . महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे ..
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये . आशा एक रामजी से दूजी आशा छोड़ दे ..
नाता एक रामजी से दूजे नाते तोड़ दे . साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये ..
काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिये . सीता राम सीता राम सीताराम कहिये ..
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
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