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Bhajan-Ram-12

Bhajan-Ram-12

हारिये न हिम्मत हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम . तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ..

दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये . पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए ..  

पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल . ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल ..  

जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम . तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ..

 

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