***** *तुलसी-विवाह ******तुलसी विवाह प्रभु श्री हरि विष्णु के जागने के पश्चात् रचाया जाता है। यानी कि प्रभु श्री हरि विष्णु को 12 नवम्बर एकादशी रात्रि को शास्त्रोंक्त मंत्र के द्वारा जगाया जाता है उसके पश्चात् ही तुलसी विवाह प्रारंभ होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्री देवउठनी / श्री देव प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं जो इस बार 12 नवम्बर 2,024 मंगलवार के दिन है। इसी …Read More