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Bhajan-Ram-13

Bhajan-Ram-13 प्रेम मुदित मन से कहो प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम . राम राम राम श्री राम राम राम .. पाप कटें दुःख मिटें लेत राम नाम . भव समुद्र सुखद नाव एक राम नाम .. परम शांति सुख निधान नित्य राम नाम . निराधार को आधार एक राम नाम ..   संत हृदय सदा बसत एक राम नाम . परम गोप्य परम इष्ट मंत्र राम नाम …Read More

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Bhajan-Ram-12

Bhajan-Ram-12 हारिये न हिम्मत हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम . तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम .. दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये . पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए ..   पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल . ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल ..   जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम . तू …Read More

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Bhajan-Ram-11

Bhajan-Ram-11 सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीताराम कहिये . जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये .. मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में . तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे साथ में .. विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये .  किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा .. होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा . फल आशा त्याग शुभ कर्म करते …Read More

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Bhajan-Ram-10

Bhajan-Ram-10 पढ़ो पोथी में पढ़ो पोथी में राम लिखो तख्ती पे राम . देखो खम्बे में राम हरे राम राम राम .. राम राम राम राम राम ॐ . ( २) राम राम राम राम राम राम . ( २) राम राम राम राम हरे राम राम राम .. देखो आंखों से राम सुनो कानों से राम . बोलो जिव्हा से राम हरे राम राम राम .. राम राम पियो …Read More

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Bhajan-Ram-09

Bhajan-Ram-09 मन लाग्यो मेरो यार मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ..   जो सुख पाऊँ राम भजन में  सो सुख नाहिं अमीरी में  मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में .. भला बुरा सब का सुन लीजै कर गुजरान गरीबी में मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ..   आखिर यह तन छार मिलेगा कहाँ फिरत मग़रूरी में मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ..   प्रेम नगर में रहनी …Read More

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Bhajan-Ram-08

Bhajan-Ram-08 पायो निधि राम नाम पायो निधि राम नाम पायो निधि राम नाम . सकल शांति सुख निधान सकल शांति सुख निधान . पायो निधि राम नाम ..   सुमिरन से पीर हरै काम क्रोध मोह जरै . आनंद रस अजर झरै होवै मन पूर्ण काम . पायो निधि राम नाम ..  रोम रोम बसत राम जन जन में लखत राम . सर्व व्याप्त ब्रह्म राम सर्व शक्तिमान राम . …Read More

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Bhajan-Ram-07

Bhajan-Ram-07 पायो जी मैंने पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ..   वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु किरपा करि अपनायो . जनम जनम की पूंजी पाई जग में सभी खोवायो..   खरचै न खूटै चोर न लूटै दिन दिन बढ़त सवायो .  सत की नाव खेवटिया सतगुरु भवसागर तर आयो .  मीरा के प्रभु गिरिधर नागर हरष हरष जस गायो ..  

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Bhajan-Ram-06

Bhajan-Ram-06 बधैया बाजे बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..   राम लखन शत्रुघन भरत जी झूलें कंचन पालने में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..   राजा दसरथ रतन लुटावै लाजे ना कोउ माँगने में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..   प्रेम मुदित मन तीनों रानी सगुन मनावैं मन ही मन में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..   राम जनम को …Read More

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Bhajan-Ram-05

Bhajan-Ram-05 रघुकुल प्रगटे हैं रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ..   देस देस से टीको आयो रतन कनक मनि हीर .  घर घर मंगल होत बधाई भै पुरवासिन भीर ..   आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर .  मागध बंदी सबै लुटावैं गौ गयंद हय चीर ..   देत असीस सूर चिर जीवौ रामचन्द्र रणधीर ..

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Bhajan-Ram-04

Bhajan-Ram-04 जानकी नाथ सहाय करें जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ..   सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो . राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो ..  दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो . ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर के भार घनेरो ..   जाकी सहाय करी करुणानिधि ताके जगत में भाग बढ़े रो . …Read More

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